Sanatan (Hinduism)

विकट संकष्टी चतुर्थी 2025: तिथि, समय, विधि और महत्व

विकट संकष्टी चतुर्थी क्या है?

संकष्टी चतुर्थी एक मासिक हिंदू व्रत है जो विघ्नहर्ता, बुद्धि और सफलता के देवता भगवान श्री गणेश की आराधना के लिए रखा जाता है। जब यह चतुर्थी बुधवार के दिन आती है, तो इसे विकट संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। “विकट” भगवान गणेश के 32 स्वरूपों में से एक है, जो निर्भयता और दुष्ट शक्तियों से रक्षा का प्रतीक है।

विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि और दिन

  • तिथि: बुधवार, 16 अप्रैल 2025
  • पक्ष: कृष्ण पक्ष चतुर्थी (अमावस्या से पहले की चतुर्थी)
  • स्थान: नई दिल्ली, भारत

चतुर्थी तिथि और चंद्रोदय का समय (नई दिल्ली के अनुसार)

घटनासमय
चतुर्थी तिथि प्रारंभ16 अप्रैल को दोपहर 01:16 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त17 अप्रैल को दोपहर 03:23 बजे
चंद्रोदय का समय16 अप्रैल को रात 10:00 बजे
दिनबुधवार

📌 नोट: संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाता है। अतः चंद्रोदय का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व

  • यह दिन विकट गणेश जी के स्वरूप की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • यह व्रत गंभीर कर्मिक बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  • व्रत करने से सफलता, शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
  • ग्रह दोषों और जीवन की रुकावटों से राहत पाने के लिए भी यह व्रत किया जाता है।

व्रत कथा और विकट गणेश जी का स्वरूप

इस दिन गणेश जी की विकट रूप में पूजा की जाती है, जिनके दस भुजाएं होती हैं और उनका वाहन सिंह होता है।
व्रत कथा अलग-अलग क्षेत्रों में थोड़ी भिन्न होती है, लेकिन सभी का उद्देश्य भक्तों की रक्षा और संकट से मुक्ति पर केंद्रित होता है।

📖 संध्या पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ना या सुनना अनिवार्य माना जाता है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

🌅 प्रातःकालीन विधि:

  • सूर्योदय से पूर्व उठें, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • निर्जल या फलाहार व्रत करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और श्री गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

🪔 पूजा सामग्री:

  • मोदक या लड्डू (गणेश जी का प्रिय भोग)
  • दुर्वा (तीन पत्तियों वाली घास)
  • लाल फूल (जैसे गुड़हल)
  • अगरबत्ती, घी का दीपक, रोली, चंदन

🕯️ संध्या पूजा:

  • चंद्रोदय से पूर्व, शाम 6:30 से 9:30 बजे के बीच पूजा करें।
  • गणपति अथर्वशीर्ष, संकष्टी व्रत कथा, और 108 नामों का पाठ करें।
  • रात 10:00 बजे चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।

मंत्र और स्तोत्र

  • “ॐ गं गणपतये नमः” – 108 बार जपें
  • गणेश संकट नाशन स्तोत्र
  • गणेश अष्टोत्तर शतनामावली (108 नाम)

🔔 श्रद्धा और भक्ति से इनका पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषीय लाभ

  • बुधवार को संकष्टी करने से बुध दोष (Mercury Dosha) से मुक्ति मिलती है।
  • छात्रों, लेखकों और संचार से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष लाभकारी।
  • यदि चतुर्थी पर कोई शुभ योग हो, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

क्षेत्रीय मान्यताएं और नाम

  • महाराष्ट्र में विशेष रूप से गणेश जी की भव्य पूजा होती है।
  • दक्षिण भारत में इसे संकटहरा चतुर्थी कहा जाता है, और मंदिरों में विशेष अभिषेक होते हैं।
  • ओडिशा और बंगाल में सामूहिक पूजा और चंद्र दर्शन के आयोजन होते हैं।

व्रत के लिए उपयोगी सुझाव

  • निर्जल व्रत ना रखने वालों के लिए नारियल पानी या फल लाभदायक हैं।
  • अनाज, नमक, और पैक्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
  • गणेश मंत्रों का जाप करते रहें और मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
  • दान और सेवा कार्य, जैसे गाय को चारा देना या गरीबों को भोजन, पुण्यकारी माना जाता है।

सोशल मीडिया कैप्शन (हिंदी और अंग्रेज़ी)

  • 🌙 इस 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी मनाएं श्रद्धा और संकल्प के साथ। गणपति बप्पा मोरया!
  • 🕉️ विकट गणेश की कृपा से हर विघ्न दूर करें।
  • 🙏 रात 10 बजे चंद्रमा को अर्घ्य देना न भूलें।
  • 📿 व्रत, मंत्र और सेवा – यही संकष्टी का मार्ग है।

निष्कर्ष

विकट संकष्टी चतुर्थी (बुधवार, 16 अप्रैल 2025) गणपति उपासना का एक पवित्र अवसर है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो जीवन में किसी बाधा या आध्यात्मिक दुविधा से जूझ रहे हैं।
चंद्र दर्शन और व्रत तिथि के सटीक समय को ध्यान में रखते हुए, सभी श्रद्धालु इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा, अनुशासन और ध्यान के साथ करें।

🌼 यह चतुर्थी आपके संकटों का नाश करे और जीवन में शांति, स्पष्टता और दिव्य संरक्षण लेकर आए।

Harshvardhan Mishra

Harshvardhan Mishra is a tech expert with a B.Tech in IT and a PG Diploma in IoT from CDAC. With 6+ years of Industrial experience, he runs HVM Smart Solutions, offering IT, IoT, and financial services. A passionate UPSC aspirant and researcher, he has deep knowledge of finance, economics, geopolitics, history, and Indian culture. With 11+ years of blogging experience, he creates insightful content on BharatArticles.com, blending tech, history, and culture to inform and empower readers.

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