श्री हनुमान जयंती विशेष: 25+ संस्कृत श्लोक और हिंदी चौपाइयाँ
🙏 Special Hanuman Jayanti Feature: 25+ Sanskrit Shlokas and Hindi Chaupais 🙏
Explore 25+ powerful Sanskrit Shlokas and Hindi Chaupais dedicated to Lord Hanuman. Perfect for Hanuman Jayanti (Hanuman Janmotsav) 2025, this article includes meanings and devotional insights to elevate your spiritual celebration.
हनुमान जन्मोत्सव पर भक्ति, बल और सेवा के प्रतीक श्री हनुमान जी को समर्पित यह लेख उनके शौर्य, ज्ञान, भक्ति और पराक्रम की स्मृति दिलाता है। प्रस्तुत हैं 25+ चुनिंदा संस्कृत श्लोक और तुलसीकृत रामचरितमानस से ली गई चौपाइयाँ, जिनका जाप करने मात्र से दुख, भय और संकट दूर होते हैं।
🔱 भाग 1: संस्कृत श्लोक (Sanskrit Shlokas for Hanuman Ji)
1. हनुमान बीज मंत्र
ॐ हनुमते नमः॥
अर्थ: मैं श्री हनुमान जी को नमन करता हूँ।
2.
ॐ रामदूताय विध्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥
(हनुमान गायत्री मंत्र)
अर्थ: हम राम के दूत हनुमान जी को ध्यान में रखते हैं और वह हमें प्रबुद्ध करें।
3.
अञ्जनानन्दनं वीरं जानकीशोकनाशनम्।
कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लङ्काभयङ्करम्॥
अर्थ: जो अंजना के पुत्र, वीर, सीता के दुःख को हरने वाले, वानरराज, अक्षकुमार का संहार करने वाले, और लंका को भयभीत करने वाले हैं – ऐसे हनुमान को मैं प्रणाम करता हूँ।
4.
मनोजवं मारुततुल्यवेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
अर्थ: जो मन की गति से भी तेज, पवन के समान वेग वाले, इंद्रियों को जीतने वाले, बुद्धिमानों में श्रेष्ठ, पवन पुत्र, वानरों के नेता और श्रीराम के दूत हैं – ऐसे हनुमान जी की मैं शरण लेता हूँ।
5.
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥
अर्थ: श्रीराम, रघुकुलनायक, सीता के स्वामी को नमन।
6.
बुद्धिर्बलं यशो धर्मं निर्भयत्वं अरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्॥
अर्थ: श्री हनुमान जी का स्मरण करने से बुद्धि, बल, यश, धर्म, निर्भयता, स्वास्थ्य, वाणी की प्रखरता और निर्भीकता प्राप्त होती है।
7.
कायः कलेवरं दीप्तं महाबलपराक्रमम्।
वायुपुत्रं महावीरं वन्दे रामभक्तं प्रभुम्॥
अर्थ: उज्ज्वल शरीर, महान बल और पराक्रम से युक्त, पवनपुत्र, महावीर, और श्रीराम के भक्त प्रभु को मैं वंदन करता हूँ।
8.
श्रीरामेण सहितं हनुमन्तं नमाम्यहम्।
अर्थ: मैं श्रीराम के साथ रहने वाले श्री हनुमान जी को प्रणाम करता हूँ।
🌺 भाग 2: श्रीरामचरितमानस की लोकप्रिय चौपाइयाँ
9.
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
अर्थ: हे हनुमान जी! आप ज्ञान और गुणों के सागर हैं। तीनों लोकों में आपकी महिमा फैली हुई है।
10.
राम दूत अतुलित बल धामा।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
अर्थ: आप श्रीराम के दूत हैं, अतुल बल के धाम हैं, अंजना के पुत्र और पवन के समान वेग वाले हैं।
11.
महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
अर्थ: आप महान वीर और वज्र के समान बलशाली हैं। आप कुबुद्धि को दूर करते हैं और शुभ बुद्धि वालों के संग रहते हैं।
12.
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुँचित केसा॥
अर्थ: आपके शरीर का रंग सोने के समान है, सुंदर वस्त्र धारण किए हुए हैं, कानों में कुण्डल हैं और बाल घुंघराले हैं।
13.
राम काज करिबे को आतुर।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया॥
अर्थ: आप श्रीराम के कार्यों को करने में सदा तत्पर रहते हैं और प्रभु की कथाओं को सुनने में अत्यंत रस लेते हैं।
14.
संकट से हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥
अर्थ: जो मन, वचन और कर्म से हनुमान जी का ध्यान करता है, उसे संकटों से मुक्ति मिलती है।
15.
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥
अर्थ: तपस्वी राजा श्रीराम के सभी कार्यों को आपने सफलतापूर्वक संपन्न किया।
16.
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।
अस वर दीन्ह जानकी माता॥
अर्थ: माता सीता ने आपको आशीर्वाद दिया कि आप आठों सिद्धियाँ और नौ निधियों के दाता बनें।
17.
भूत पिशाच निकट नहीं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥
अर्थ: जब महावीर हनुमान का नाम लिया जाता है, तो भूत-पिशाच पास नहीं आते।
18.
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा॥
अर्थ: जो वीर हनुमान जी का निरंतर जाप करता है, उसके सारे रोग और पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।
19.
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपिसूर॥
अर्थ: आपके शरीर की लालिमा दिव्य रूप से दमकती है, आप वज्र देहधारी हैं और दानवों का नाश करने वाले हैं। जय हो!
20.
जहाँ हनुमान रखे पहरा, नहीं वहाँ संकट की परछाईं।
अर्थ: जहाँ हनुमान जी का पहरा होता है, वहाँ संकट पास नहीं आता।
🛕 विशेष प्रसंगों के लिए उपयोगी चौपाइयाँ और मंत्र
21.
जय अंजनी कुमार बलवाना।
शंकर सुवन वीर हनुमाना॥
22.
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥
23.
हनुमान लला के चरणों में, सब संकटों का समाधान है।
24.
हनुमान जी के नाम का जाप करें – जीवन में राम आ ही जाएंगे।
25.
हरि अनंत हरि कथा अनंता।
कहहि सुनहि बहुबिधि सब संता॥
📚 निष्कर्ष (Conclusion)
हनुमान जयंती केवल एक पर्व नहीं, अपितु एक आत्मिक जागरण का अवसर है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम जीवन में भक्ति, शक्ति और सेवा को अपना मूल सिद्धांत बनाएं। उपरोक्त श्लोकों और चौपाइयों का नियमित पाठ जीवन में धैर्य, साहस और विजय लाता है।