गौरी व्रत 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और सम्पूर्ण जानकारी

आरंभ: रविवार, 6 जुलाई 2025

समापन: बृहस्पतिवार, 10 जुलाई 2025 (गुरु पूर्णिमा)

गौरी व्रत 2025 का संक्षिप्त परिचय

गौरी व्रत देवी पार्वती को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक व्रत है। यह विशेष रूप से गुजरात राज्य में अत्यधिक श्रद्धा और निष्ठा के साथ मनाया जाता है। अविवाहित कन्याएँ इस व्रत का पालन सुयोग्य वर प्राप्ति और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना हेतु करती हैं। यह व्रत देवी गौरी (पार्वती) के तप और संकल्प की याद दिलाता है, जिनकी तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करते हैं।

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गौरी व्रत 2025 की तिथियाँ

  • एकादशी तिथि आरंभ: 5 जुलाई 2025, शनिवार, सायं 18:58 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 6 जुलाई 2025, रविवार, रात्रि 21:14 बजे
  • गौरी व्रत आरंभ: 6 जुलाई 2025, रविवार
  • जया पार्वती व्रत: 8 जुलाई 2025, मंगलवार
  • गौरी व्रत समापन: 10 जुलाई 2025, बृहस्पतिवार (गुरु पूर्णिमा)

गौरी व्रत का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व

  • यह व्रत देवी गौरी (पार्वती) के कठिन तप और संयम का प्रतीक है।
  • यह व्रत विशेषकर किशोर और युवा अविवाहित कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो अच्छे वर की प्राप्ति और जीवनसाथी के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं।
  • यह व्रत पारिवारिक सुख, समृद्धि, और वैवाहिक सौहार्द्र का भी प्रतीक माना जाता है।

गौरी व्रत की पौराणिक कथा (गौरी व्रत व्रतकथा)

मान्यता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने वर्षों तक केवल फल-फूल और बेल पत्रों का सेवन करते हुए शिव की उपासना की। उनकी निष्ठा, श्रद्धा और तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया।

गौरी व्रत उसी तपस्या और समर्पण की स्मृति में मनाया जाता है, और यह कन्याओं को यह सिखाता है कि संयम, विश्वास और ईश्वर भक्ति से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गौरी व्रत की पूजन विधि

  1. स्नान व संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. गौरी माँ की स्थापना: मिट्टी या धातु की गौरी प्रतिमा को पूजन स्थान पर स्थापित करें।
  3. पूजन सामग्री: रोली, अक्षत, चावल, फल, पुष्प, बेल पत्र, सुपारी, लौंग, इलायची, दीपक, धूप आदि।
  4. व्रत कथा श्रवण: गौरी व्रत की कथा सुनना अनिवार्य माना गया है।
  5. व्रत नियम:
    • व्रती केवल एक बार भोजन करती हैं (व्रत अनुसार फलाहार भी चल सकता है)।
    • व्रत के पाँचों दिन व्रती ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं।
    • नींबू, टमाटर, दूध, दही, और तेलयुक्त भोजन का त्याग किया जाता है।

गौरी व्रत का समापन (गुरु पूर्णिमा)

व्रत का समापन आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होता है, जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष पूजन कर गौरी माँ को नमस्कार किया जाता है। बहनें एक-दूसरे को तिलक करती हैं और भोग अर्पित करके व्रत का समापन करती हैं।

जया पार्वती व्रत का संबंध

  • जया पार्वती व्रत, जो कि इस बार 8 जुलाई 2025, मंगलवार को है, गौरी व्रत का ही एक अंग है।
  • यह विशेष दिन पार्वती जी की आराधना के लिए समर्पित होता है और व्रती स्त्रियाँ विशेष रूप से इस दिन देवी का पूजन करती हैं।

गौरी व्रत के प्रमुख नियम

  • पाँच दिनों तक देवी की पूजा करना।
  • व्रती को नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए।
  • भूमि पर सोना वर्जित होता है, जिससे संयम और साधना की भावना बनी रहती है।
  • पांचवें दिन व्रत के समापन पर संपूर्ण विधि से पूजा कर व्रत का उद्यापन किया जाता है।

गौरी व्रत और मोरकट व्रत (મોળાકત વ્રત)

गुजरात में इस व्रत को ‘મોળાકત વ્રત’ भी कहा जाता है। मोरकट व्रत का अर्थ है संयम और मौन का व्रत — यह संयम की शक्ति का प्रतीक होता है। गुजरात के अनेक ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विशेष परंपराएं और लोक गीत इस व्रत के दौरान गाए जाते हैं।

गौरी व्रत से प्राप्त होने वाले पुण्य लाभ

  • कन्याओं को योग्य पति की प्राप्ति।
  • विवाहित महिलाओं के लिए पति का स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन।
  • पारिवारिक सुख-शांति एवं वैवाहिक जीवन में सामंजस्य।
  • जीवन में मनोवांछित फल और आध्यात्मिक उन्नति।

गौरी व्रत 2025 के लिए सुझाव

  • जिन लड़कियों की हाल ही में सगाई हुई है या विवाह की इच्छा रखती हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना गया है।
  • माता-पिता अपनी पुत्रियों को इस व्रत के महत्व को समझाएं और पूजन विधि का अभ्यास कराएं।

Harshvardhan Mishra

Harshvardhan Mishra is a tech expert with a B.Tech in IT and a PG Diploma in IoT from CDAC. With 6+ years of Industrial experience, he runs HVM Smart Solutions, offering IT, IoT, and financial services. A passionate UPSC aspirant and researcher, he has deep knowledge of finance, economics, geopolitics, history, and Indian culture. With 11+ years of blogging experience, he creates insightful content on BharatArticles.com, blending tech, history, and culture to inform and empower readers.

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