
गणेश चतुर्थी २०२५ – २५+ संस्कृत श्लोक और हिन्दी अर्थ
श्लोक:वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
हिन्दी अर्थ:
हे वक्रतुण्ड, महाकाय गणेश! जिनका प्रकाश करोड़ों सूर्य के समान है, आप मेरे सभी कार्यों को सदा निर्विघ्न पूर्ण करें।
श्लोक:गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् । उमासुतं शोकविनाशकारणं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
हिन्दी अर्थ:
भूतगणों द्वारा पूजित, कपित्थ और जामुन के फल प्रिय, पार्वती के पुत्र, शोक का नाश करने वाले विघ्नेश्वर को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:सिंहवाहनं महावीर्यं गजशत्रुं महाबलम् । विघ्नराजं नमाम्यद्यं गणपतिं जगत्प्रभुम् ॥
हिन्दी अर्थ:
सिंह वाहन पर विराजमान, महावीर्यवान, गजासुर-विजेता, महाबली गणपति को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम् । विघ्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणम्यहम् ॥
हिन्दी अर्थ:
एकदंत, विशालकाय, लम्बोदर गजानन, विघ्ननाशक हेरम्ब देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:अगजानन पद्मार्कं गजाननं अहर्निशम् । अनेकदंतं भक्तानां एकदन्तं उपास्महे ॥
हिन्दी अर्थ:
गौरी का पुत्र, जो कमल के समान मुख वाला है, उसे हम दिन-रात पूजते हैं। अनेक रूपों में प्रिय लेकिन एकदंत को हम नमन करते हैं।
श्लोक:सिद्धि बुद्धि प्रदं देवं शान्ति सौख्य समन्वितम् । सर्वत्र पूज्यते देवं तं गणेशं नमाम्यहम् ॥
हिन्दी अर्थ:
जो देवता सिद्धि और बुद्धि देने वाले हैं, शांति और सुख से युक्त हैं, जिन्हें सर्वत्र पूजा जाता है – उस गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:शुक्लांबरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
हिन्दी अर्थ:
श्वेत वस्त्र धारण करने वाले, शशि के समान वर्ण वाले, चार भुजाधारी और प्रसन्न मुख वाले भगवान को ध्यान करने से सभी विघ्न शांत हो जाते हैं।
श्लोक:लम्बोदरं पिंगलाक्षं गजवक्त्रं च चारुव्रतम् । सर्वविघ्नहरं देवं प्रणमामि पुनः पुनः ॥
हिन्दी अर्थ:
लम्बोदर, पिंगल नेत्रों वाले, गजमुख और सुंदर व्रतधारी देवता, जो सभी विघ्नों का नाश करते हैं, उन्हें बार-बार प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:गणाधिपं च जगतां प्रथमानं पुरातनम् । विघ्नेश्वरं महादेवं तं नमामि गजाननम् ॥
हिन्दी अर्थ:
जगत के प्रथम देवता, प्राचीनतम, विघ्नेश्वर महादेव गजानन को मैं नमन करता हूँ।
श्लोक:सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची । नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची ॥
हिन्दी अर्थ:
गणपति सुख देने वाले, दुःख हरने वाले, विघ्नों को मिटाने वाले हैं। वे कृपा और प्रेम से भरे हुए हैं।
श्लोक:नमो नमस्ते गणनाथाय भक्तप्रियाय च । सर्वेषां विघ्नहर्त्रे च सर्वकार्यसिद्धये ॥
हिन्दी अर्थ:
हे गणनाथ! आपको बार-बार प्रणाम। आप भक्तप्रिय हैं, सभी विघ्नों के नाशक हैं और कार्य सिद्ध करने वाले हैं।
श्लोक:विघ्नराजं महाशक्तिं सर्वकार्यफलप्रदम् । सर्वसिद्धिप्रदातारं गणनाथं नमाम्यहम् ॥
हिन्दी अर्थ:
विघ्नों के राजा, महाशक्ति वाले, कार्य के फल देने वाले, सिद्धियों के दाता गणनाथ को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:देहि मे तनयं सौम्यं बुद्धिमन्तं वरप्रदम् । विघ्नेश्वरं महादेवं नमामि गजकर्णकम् ॥
हिन्दी अर्थ:
हे गजकर्णक, मुझे सौम्य, बुद्धिमान और वर देने वाले पुत्र का आशीर्वाद दीजिए। विघ्नेश्वर महादेव को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:सर्वमङ्गलमाङ्गल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । विघ्नेश्वरं नमस्यामि सिद्धिदं गणनायकम् ॥
हिन्दी अर्थ:
सर्व मंगलों के मंगल, पापों का नाश करने वाले, सिद्धि प्रदान करने वाले गणनायक को मैं नमन करता हूँ।
श्लोक:गणेशाय नमस्तुभ्यं सर्वसिद्धिप्रदायिने । सर्वविघ्नहरायाथ सर्वकार्यसमृद्धये ॥
हिन्दी अर्थ:
गणेश जी को नमस्कार, जो सभी सिद्धियाँ देते हैं, सभी विघ्न हरते हैं और कार्य में समृद्धि प्रदान करते हैं।
श्लोक:नमो विघ्नविनाशाय वरदाय च ते नमः । सिद्धिप्रदायिने नित्यं गणेशाय नमो नमः ॥
हिन्दी अर्थ:
विघ्नों के विनाशक, वर देने वाले, सदैव सिद्धि देने वाले गणेश जी को बार-बार प्रणाम।
श्लोक:सिद्धिबुद्धिसमेताय नमस्तुभ्यं गणाधिप । विघ्नेश्वराय देवाय सर्वकार्यसफल्कर ॥
हिन्दी अर्थ:
सिद्धि और बुद्धि सहित गणाधिप, विघ्नेश्वर देवता को नमन, जो सभी कार्यों को सफल करने वाले हैं।
श्लोक:नमो हेरम्बाय शान्ताय गजवक्त्राय धीमते । सर्वविघ्नविनाशाय नित्यं सिद्धिप्रदायिने ॥
हिन्दी अर्थ:
हे शान्त हेरम्ब, गजवक्त्र और बुद्धिमान देव! आपको नमन, जो सदैव विघ्नों का नाश और सिद्धि प्रदान करते हैं।
श्लोक:देहि मे सौख्यमायुष्यं धनं धान्यं च सिद्धिदम् । गणनाथं नमस्यामि भक्तानुग्रहकारकम् ॥
हिन्दी अर्थ:
हे गणनाथ! मुझे सुख, दीर्घायु, धन-धान्य और सिद्धि प्रदान करें। भक्तों पर सदैव कृपा करने वाले को मैं नमन करता हूँ।
श्लोक:गणपतिं प्रथमं वन्दे यः सर्वार्थसिद्धिदः । सर्वविघ्नविनाशाय सर्वकार्यफलप्रदः ॥
हिन्दी अर्थ:
मैं प्रथम गणपति को वंदन करता हूँ, जो सभी कार्य सिद्ध करते हैं, विघ्न नाशक हैं और कार्य का फल देते हैं।
श्लोक:गणनाथं महादेवं सर्वलोकैकनायकम् । सर्वसिद्धिप्रदातारं प्रणमामि गजाननम् ॥
हिन्दी अर्थ:
गणनाथ महादेव, जो सम्पूर्ण लोकों के नायक हैं और सिद्धि देने वाले हैं, उन गजानन को मैं प्रणाम करता हूँ।
श्लोक:सर्वेभ्यः प्रथमानं त्वां नमामि गणनायक । सर्वविघ्नप्रशमनं सर्वसिद्धिप्रदायकम् ॥
हिन्दी अर्थ:
हे गणनायक! सभी देवताओं में प्रथम तुम्हें मैं प्रणाम करता हूँ। आप विघ्न शांत करने वाले और सिद्धि देने वाले हैं।
श्लोक:सिद्धिविनायकं देवं नमामि गजवक्त्रकम् । भक्तानां कामदातारं सर्वकार्यसमृद्धये ॥
हिन्दी अर्थ:
सिद्धिविनायक गजवक्त्र देव को प्रणाम करता हूँ, जो भक्तों की कामनाएँ पूर्ण करते हैं और कार्य में समृद्धि देते हैं।
श्लोक:एकदन्तं चतुर्हस्तं पाशाङ्कुशधरं गणम् । रक्तवर्णं लम्बोदरं सर्वविघ्नविनाशनम् ॥
हिन्दी अर्थ:
एकदंत, चार हाथों वाले, पाश और अंकुश धारण करने वाले, रक्तवर्ण, लम्बोदर, जो विघ्नों का नाश करने वाले हैं।
श्लोक:सर्वकार्येषु सर्वत्र विघ्नमस्तु न मे प्रभो । त्वद्भक्तिं हृदि मे नित्यं गणेश त्वां नमाम्यहम् ॥
हिन्दी अर्थ:
हे प्रभु गणेश! मेरे सभी कार्यों और जीवन में विघ्न न आए। मेरे हृदय में आपकी भक्ति सदा बनी रहे।
✨ ये २५+ संस्कृत श्लोक और हिन्दी अर्थ भक्तों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं। इन्हें आप पूजा, आरती, सोशल मीडिया कैप्शन, ब्लॉग आर्टिकल या शुभकामनाओं में प्रयोग कर सकते हैं।