Karwa Chauth 2025 Ganesh Ji Ki Kahani
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Karwa Chauth 2025 Ganesh Ji Ki Kahani: करवा चौथ के दिन जरूर सुनें गणेश जी की कहानी, सुख-समृद्धि की नहीं होगी कमी

करवा चौथ 2025 और गणेश जी की कथा का महत्व

करवा चौथ 2025 का पर्व हर साल की तरह इस बार भी विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास रहेगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। शाम को चांद निकलने से पहले पूजा के समय करवा चौथ की कथा के साथ-साथ गणेश जी की कहानी सुनना भी बहुत शुभ माना जाता है।

क्योंकि इस वर्ष करवा चौथ के दिन संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है, इसलिए गणेश जी की पूजा और उनकी कथा का श्रवण विशेष फलदायी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति हर व्रत या त्योहार में श्री गणेश की कथा पढ़ता या सुनता है, उसे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

गणेश जी की पावन कथा (Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Katha)

प्राचीन समय की बात है — एक अंधी बुढ़िया रहती थी। उसका एक बेटा और बहू थी। परिवार गरीब था, लेकिन बुढ़िया हर दिन विधि-विधान से श्री गणेश जी की पूजा करती थी।

एक दिन गणेश जी उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हुए और बोले —
“मां! मैं तेरी पूजा से अत्यंत प्रसन्न हूं, जो भी वर मांगना है, मांग ले।”

बुढ़िया बोली —
“मुझे मांगना नहीं आता प्रभु, क्या मांगूं और कैसे मांगूं?”

तब गणेश जी बोले —
“जाकर अपने बेटे और बहू से पूछ लो।”

बुढ़िया अपने घर गई और पूछने लगी —
बेटे ने कहा — “मां, धन मांगो।”
बहू बोली — “मां, पोता मांग लो।”

लेकिन बुढ़िया को दोनों की बातें स्वार्थी लगीं। तब उसने पड़ोसियों से सलाह ली। उन्होंने कहा —
“तेरी जिंदगी अब कुछ ही समय की है, तू धन या पोता क्यों मांगे? तू तो बस अपनी आंखें मांग ले, ताकि जीवन के आखिरी पल सुख से देख सके।”

बुढ़िया की बुद्धिमानी और गणेश जी का वरदान

बुढ़िया ने मन ही मन सोचा — “क्यों न मैं ऐसा वर मांगूं जिससे सबका भला हो जाए।”
अगले दिन जब श्री गणेश जी फिर प्रकट हुए तो बुढ़िया ने कहा —

“हे गणराज! यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों में प्रकाश दें, नाती-पोते दें और पूरे परिवार को सुख-समृद्धि प्रदान करें। अंत में मोक्ष भी दें।”

गणेश जी मुस्कुराए और बोले —
“बुढ़िया माई! तूने तो मुझे ठग लिया। परंतु तेरा मन निर्मल है, इसलिए तुझे सब कुछ प्राप्त होगा।”

यह कहकर गणेश जी अंतर्ध्यान हो गए। कुछ ही समय बाद बुढ़िया का जीवन सुख, धन, संतति और शांति से भर गया।

कथा का संदेश

यह कथा सिखाती है कि सच्ची भक्ति और निर्मल मन से किया गया संकल्प हमेशा फल देता है। जब हम अपने साथ-साथ दूसरों के कल्याण की भावना रखते हैं, तो ईश्वर हमें उससे कहीं अधिक देते हैं जितना हम सोचते हैं।

जैसे गणेश जी ने बुढ़िया माई की सभी इच्छाएँ पूरी कीं, वैसे ही करवा चौथ के दिन गणेश जी की यह कथा सुनने से परिवार में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है।

आस्था से जुड़ा निष्कर्ष

करवा चौथ का यह पर्व न केवल पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है बल्कि यह श्रद्धा, संयम और भक्ति का भी उत्सव है।
जब महिलाएं गणेश जी की कथा सुनती हैं, तो उनके जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं, परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और माता पार्वती की कृपा भी प्राप्त होती है।

हे गणेश जी! जैसे आपने बुढ़िया माई को सब कुछ दिया, वैसे ही सबकी मनोकामनाएं पूरी करें। जय गणेश देव!

Harshvardhan Mishra

Harshvardhan Mishra is a tech expert with a B.Tech in IT and a PG Diploma in IoT from CDAC. With 6+ years of Industrial experience, he runs HVM Smart Solutions, offering IT, IoT, and financial services. A passionate UPSC aspirant and researcher, he has deep knowledge of finance, economics, geopolitics, history, and Indian culture. With 11+ years of blogging experience, he creates insightful content on BharatArticles.com, blending tech, history, and culture to inform and empower readers.

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