2025 में अमावस्या तिथियों का विशेष विवरण
अमावस्या, हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन होता है जब चंद्रमा आकाश में अदृश्य हो जाता है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक, आध्यात्मिक साधना और पितृ तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में, विक्रम संवत 2081-2082 के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण अमावस्या तिथियाँ आएँगी। आइए जानते हैं हर अमावस्या के समय, महत्व और विशेषताओं के बारे में।
2025 अमावस्या कैलेंडर
अमावस्या | तिथि | प्रारंभ समय | समाप्ति समय |
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माघ अमावस्या | 29 जनवरी 2025 | 28 जनवरी, 19:35 बजे | 29 जनवरी, 18:05 बजे |
फाल्गुन अमावस्या | 27 फरवरी 2025 | 27 फरवरी, 08:54 बजे | 27 फरवरी, 30:14+ बजे |
चैत्र अमावस्या | 29 मार्च 2025 | 28 मार्च, 19:55 बजे | 29 मार्च, 16:27 बजे |
वैशाख अमावस्या | 27 अप्रैल 2025 | 26 अप्रैल, 28:49+ बजे | 27 अप्रैल, 25:00+ बजे |
ज्येष्ठ अमावस्या | 27 मई 2025 | 26 मई, 12:11 बजे | 27 मई, 08:31 बजे |
आषाढ़ अमावस्या | 25 जून 2025 | 24 जून, 18:59 बजे | 25 जून, 16:00 बजे |
श्रावण अमावस्या | 24 जुलाई 2025 | 23 जुलाई, 26:28+ बजे | 24 जुलाई, 24:40+ बजे |
भाद्रपद अमावस्या | 23 अगस्त 2025 | 22 अगस्त, 11:55 बजे | 23 अगस्त, 11:35 बजे |
आश्विन अमावस्या | 21 सितम्बर 2025 | 20 सितम्बर, 24:16+ बजे | 21 सितम्बर, 25:23+ बजे |
कार्तिक अमावस्या | 21 अक्टूबर 2025 | 20 अक्टूबर, 15:44 बजे | 21 अक्टूबर, 17:54 बजे |
मार्गशीर्ष अमावस्या | 20 नवम्बर 2025 | 19 नवम्बर, 09:43 बजे | 20 नवम्बर, 12:16 बजे |
पौष अमावस्या | 19 दिसम्बर 2025 | 18 दिसम्बर, 28:59+ बजे | 20 दिसम्बर, 07:12 बजे |
माघ अमावस्या – जनवरी 29, 2025 (बुधवार)
- तिथि प्रारम्भ: जनवरी 28, 2025 को रात 7:35 बजे
- तिथि समाप्त: जनवरी 29, 2025 को शाम 6:05 बजे
- विवरण: माघ अमावस्या को ‘मौनी अमावस्या’ भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान, और मौन व्रत का विशेष महत्व है। भारतवर्ष के प्रमुख तीर्थस्थलों पर श्रद्धालु पुण्य अर्जन हेतु स्नान करते हैं।
फाल्गुन अमावस्या – फरवरी 27, 2025 (बृहस्पतिवार)
- तिथि प्रारम्भ: फरवरी 27 को सुबह 8:54 बजे
- तिथि समाप्त: फरवरी 27 को रात 30:14+ बजे (अर्थात अगले दिन 6:14 AM)
- विवरण: फाल्गुन मास की अमावस्या होली के करीब आती है और फाल्गुन महोत्सव का प्रारंभ मानी जाती है। यह तिथि भी पितरों को स्मरण कर तर्पण के लिए उपयुक्त होती है।
चैत्र अमावस्या – मार्च 29, 2025 (शनिवार)
- तिथि प्रारम्भ: मार्च 28 को रात 7:55 बजे
- तिथि समाप्त: मार्च 29 को शाम 4:27 बजे
- विवरण: चैत्र अमावस्या को नववर्ष के आरंभ से पहले की अमावस्या माना जाता है। साधक इस दिन विशेष उपवास और हवन करते हैं, ताकि आने वाला वर्ष शुभ हो।
वैशाख अमावस्या – अप्रैल 27, 2025 (रविवार)
- तिथि प्रारम्भ: अप्रैल 26 को रात 28:49+ बजे (यानी 27 अप्रैल तड़के 4:49 AM)
- तिथि समाप्त: अप्रैल 27 को रात 25:00+ बजे (यानी 28 अप्रैल सुबह 1:00 AM)
- विवरण: वैशाख अमावस्या को पवित्र नदियों में स्नान एवं व्रत-दान का विशेष महत्व है। इसे ‘पुण्य अमावस्या’ भी कहा जाता है।
ज्येष्ठ अमावस्या – मई 27, 2025 (मंगलवार)
- तिथि प्रारम्भ: मई 26 को दोपहर 12:11 बजे
- तिथि समाप्त: मई 27 को सुबह 8:31 बजे
- विवरण: इस दिन वट सावित्री व्रत का आयोजन होता है, जिसमें महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं और वटवृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा करती हैं।
आषाढ़ अमावस्या – जून 25, 2025 (बुधवार)
- तिथि प्रारम्भ: जून 24 को शाम 6:59 बजे
- तिथि समाप्त: जून 25 को शाम 4:00 बजे
- विवरण: इसे ‘आषाढ़ी अमावस्या’ भी कहा जाता है। दक्षिण भारत में यह दिन ‘आषाढ़ी एकादशी’ से जोड़कर विशेष रूप से पूजा-पाठ के लिए मनाया जाता है।
श्रावण अमावस्या – जुलाई 24, 2025 (बृहस्पतिवार)
- तिथि प्रारम्भ: जुलाई 23 को रात 26:28+ बजे (24 जुलाई तड़के 2:28 AM)
- तिथि समाप्त: जुलाई 24 को रात 24:40+ बजे (25 जुलाई तड़के 12:40 AM)
- विवरण: श्रावण माह स्वयं ही भगवान शिव को समर्पित है। श्रावण अमावस्या को विशेष शिव पूजन, जलाभिषेक एवं व्रत का विशेष महत्व है।
भाद्रपद अमावस्या – अगस्त 23, 2025 (शनिवार)
- तिथि प्रारम्भ: अगस्त 22 को सुबह 11:55 बजे
- तिथि समाप्त: अगस्त 23 को सुबह 11:35 बजे
- विवरण: इस अमावस्या को ‘कुशोत्पाटिनी अमावस्या’ भी कहते हैं। इस दिन नए कुश (घास) एकत्र करने का रिवाज है जो विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग होते हैं।
आश्विन अमावस्या – सितम्बर 21, 2025 (रविवार)
- तिथि प्रारम्भ: सितम्बर 20 को रात 24:16+ बजे (21 सितम्बर तड़के 12:16 AM)
- तिथि समाप्त: सितम्बर 21 को रात 25:23+ बजे (22 सितम्बर तड़के 1:23 AM)
- विवरण: इस अमावस्या को ‘महालय अमावस्या’ कहा जाता है। पितृ पक्ष का समापन इसी दिन होता है। पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
कार्तिक अमावस्या – अक्टूबर 21, 2025 (मंगलवार)
- तिथि प्रारम्भ: अक्टूबर 20 को दोपहर 3:44 बजे
- तिथि समाप्त: अक्टूबर 21 को शाम 5:54 बजे
- विवरण: कार्तिक अमावस्या दीपावली के दिन होती है। माँ लक्ष्मी के स्वागत हेतु दीप जलाए जाते हैं। यह धन, समृद्धि और सौभाग्य का पर्व है।
मार्गशीर्ष अमावस्या – नवम्बर 20, 2025 (बृहस्पतिवार)
- तिथि प्रारम्भ: नवम्बर 19 को सुबह 9:43 बजे
- तिथि समाप्त: नवम्बर 20 को दोपहर 12:16 बजे
- विवरण: इस माह को ‘मार्गशीर्ष मास’ कहा जाता है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” कहकर श्रेष्ठ मास बताया है। इस अमावस्या पर व्रत-दान करने से विशेष पुण्य मिलता है।
पौष अमावस्या – दिसम्बर 19, 2025 (शुक्रवार)
- तिथि प्रारम्भ: दिसम्बर 18 को रात 28:59+ बजे (19 दिसम्बर तड़के 4:59 AM)
- तिथि समाप्त: दिसम्बर 20 को सुबह 7:12 बजे
- विवरण: पौष मास की अमावस्या को तपस्या और ध्यान का विशेष महत्व है। इस दिन दान और ब्राह्मणों को भोजन कराना उत्तम फलदायक होता है।
विशेष टिप्पणी:
- सभी समय नई दिल्ली, भारत के स्थानीय समयानुसार दिये गए हैं।
- आधी रात के बाद के समय 24:00+ प्रारूप में दिए गए हैं, जो अगले दिन के समय को दर्शाते हैं।
- हिन्दू पंचांग के अनुसार दिन सूर्योदय से प्रारंभ होता है और पूर्व सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।
निष्कर्ष:
2025 में आने वाली सभी अमावस्या तिथियाँ आध्यात्मिक साधना, पितृ तर्पण और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ अवसर प्रदान करेंगी। यदि इन पावन अवसरों पर श्रद्धा, नियम और विधिपूर्वक साधना की जाए तो जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और पितृ कृपा सहजता से प्राप्त की जा सकती है।