विश्व पर्यावरण दिवस 2025: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक वैश्विक पहल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025: एक विस्तृत मार्गदर्शिका

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। यह दिन न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि यह एक वैश्विक चेतना और कार्रवाई का पर्व भी है। वर्ष 2025 में यह दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि पूरी दुनिया एक गंभीर समस्या — प्लास्टिक प्रदूषण — से जूझ रही है।

इस वर्ष की थीम है:

“प्लास्टिक प्रदूषण का अंत – Ending Plastic Pollution Globally”

इसका उद्देश्य दुनिया भर में प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और व्यवहार में परिवर्तन लाना है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की मुख्य जानकारी

विषयविवरण
तिथि5 जून 2025 (गुरुवार)
थीम“प्लास्टिक प्रदूषण का अंत”
मेजबान देशवैश्विक (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अंतर्गत)
उद्देश्यपर्यावरण सुरक्षा, प्लास्टिक उन्मूलन, स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देना

थीम की व्याख्या: “प्लास्टिक प्रदूषण का अंत”

👉 यह क्यों जरूरी है?

  • हर साल लगभग 300 मिलियन टन प्लास्टिक दुनिया भर में बनता है, जिसका बड़ा हिस्सा एकल-उपयोगीय (single-use) होता है।
  • प्लास्टिक न केवल धरती की मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित करता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य और जैव विविधता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
  • 2050 तक, यदि कदम न उठाए गए तो समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक हो सकता है

भारत में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का महत्त्व

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में पर्यावरण संरक्षण का सवाल आजीविका, स्वास्थ्य, कृषि और संस्कृति से जुड़ा है।

भारत की प्रमुख पर्यावरणीय समस्याएँ:

  • प्लास्टिक और ठोस कचरा प्रबंधन की कमी
  • वनों की कटाई और जैव विविधता में कमी
  • वायु प्रदूषण (विशेषकर महानगरों में)
  • जल स्रोतों का अत्यधिक दोहन और प्रदूषण

इसलिए 2025 का यह दिन भारत के लिए चेतावनी और अवसर दोनों है।

भारत सरकार की पहलें (2025 में)

1. प्लास्टिक मुक्त भारत मिशन

  • 2025 में इस मिशन को सक्रिय रूप से दोबारा लांच किया गया है।
  • सभी राज्यों को “प्लास्टिक मुक्त जिले” घोषित करने के निर्देश।

2. पर्यावरण शिक्षा अभियान

  • स्कूली पाठ्यक्रम में “प्लास्टिक जागरूकता” को जोड़ने की पहल।
  • बच्चों के लिए एनसीईआरटी द्वारा ई-बुक्स और वीडियो सामग्री जारी।

3. ‘ग्रीन इंडिया’ वृक्षारोपण योजना

  • इस वर्ष का लक्ष्य: 1 करोड़ पौधे लगाना, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों और नदी तटों पर।

4. इको-सर्टिफिकेट स्कीम

  • कंपनियों और फैक्ट्रियों को प्लास्टिक उपयोग कम करने पर पुरस्कार

विद्यालयों और कॉलेजों में आयोजन

  • पोस्टर व स्लोगन प्रतियोगिता: “प्लास्टिक हटाओ, धरती बचाओ”
  • स्वच्छता अभियान: स्कूल परिसरों और आसपास के क्षेत्रों में सफाई
  • निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिता: “पर्यावरण बनाम विकास”
  • ग्रीन कैंपेनिंग: छात्रों द्वारा पर्यावरण के पक्ष में जनजागृति रैली

गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भूमिका

प्रमुख गतिविधियाँ:

  • झीलों, नदियों और समुद्र तटों की सफाई अभियान
  • झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक जागरूकता वर्कशॉप्स
  • बायोडिग्रेडेबल विकल्पों का प्रचार-प्रसार
  • सोशल मीडिया पर #PlasticMuktBharat और #MyGreenPledge जैसे ट्रेंडिंग अभियान

पोस्टर और कला प्रदर्शनियाँ

मुख्य विषय:

  • “प्लास्टिक – एक धीमा ज़हर”
  • “प्रकृति हमें बुला रही है – क्या आप सुन रहे हैं?”
  • “आज बचाओ, कल जीओ”

शहरों में होर्डिंग्स, पोस्टर प्रतियोगिताएँ और डिजिटल स्क्रीन पर संदेश दिखाए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया और डिजिटल अभियान

  • फेसबुक और इंस्टाग्राम पर “Plastic-Free Shelfie” चैलेंज
  • ट्विटर ट्रेंड: #WorldEnvironmentDay2025India
  • YOUTUBE और रील्स पर जागरूकता वीडियो
  • भारत सरकार की MyGov वेबसाइट पर प्लास्टिक मुक्ति प्रतिज्ञा

धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान

  • मंदिरों और गुरुद्वारों में पत्तल व मिट्टी के बर्तन के प्रयोग का प्रोत्साहन
  • धार्मिक संगठनों द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम और प्लास्टिक पर प्रवचन
  • बड़े धार्मिक आयोजनों में “Zero Waste Policy” का पालन

चुनौतियाँ अभी बाकी हैं

  • ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था कमजोर
  • रीसायक्लिंग उद्योग को उचित दिशा व निगरानी की आवश्यकता
  • व्यवहारिक बदलाव में समय लगता है
  • विकास बनाम पर्यावरण संतुलन की जटिलता

नागरिक क्या कर सकते हैं?

  • कपड़े के थैलों और स्टील की बोतलों का उपयोग करें
  • अपने मोहल्ले में साफ-सफाई अभियान चलाएँ
  • बच्चों को प्रकृति से जोड़ें
  • सरकारी और स्थानीय कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करें
  • स्थायी जीवनशैली (Sustainable Living) अपनाएँ

🧾 निष्कर्ष

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें केवल चिंतन नहीं, क्रियान्वयन का संदेश देता है। भारत में इसका महत्व कृषि, जलवायु, स्वास्थ्य और भविष्य की पीढ़ियों से जुड़ा हुआ है। यह दिन केवल एक तिथि नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।

आइए, मिलकर संकल्प लें कि हम प्लास्टिक मुक्त और हरित भारत की ओर बढ़ेंगे — न केवल इस दिन, बल्कि हर दिन।

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Harshvardhan Mishra

Harshvardhan Mishra is a tech expert with a B.Tech in IT and a PG Diploma in IoT from CDAC. With 6+ years of Industrial experience, he runs HVM Smart Solutions, offering IT, IoT, and financial services. A passionate UPSC aspirant and researcher, he has deep knowledge of finance, economics, geopolitics, history, and Indian culture. With 11+ years of blogging experience, he creates insightful content on BharatArticles.com, blending tech, history, and culture to inform and empower readers.

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