Dhanteras 2025 Puja Muhurat, Date, and Significance
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धनतेरस 2025 पूजा मुहूर्त, तिथि, और महत्व

परिचय: समृद्धि और शुभारंभ का पर्व

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक दिन है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
यह दिन सोना-चांदी, बर्तन और नई वस्तुएं खरीदने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।

वर्ष 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाई जाएगी, जो धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक दिन होगा।

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धनतेरस 2025 पूजा मुहूर्त और समय

पर्वदिनांक और समय
धनतेरस पूजा मुहूर्त07:16 PM से 08:20 PM तक
अवधि1 घंटा 4 मिनट
यम दीपमशनिवार, 18 अक्टूबर 2025
प्रदोष काल05:48 PM से 08:20 PM तक
वृषभ काल07:16 PM से 09:11 PM तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ12:18 PM, 18 अक्टूबर 2025
त्रयोदशी तिथि समाप्त01:51 PM, 19 अक्टूबर 2025

मुख्य बिंदु:

  • लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय: 07:16 PM से 08:20 PM
  • यम दीपदान: सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है।
  • खरीदारी का शुभ समय: त्रयोदशी तिथि और वृषभ काल में सोना-चांदी, बर्तन आदि खरीदना शुभ रहता है।

धनतेरस का धार्मिक महत्व

1. भगवान धन्वंतरि का अवतरण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए धनतेरस को आयुर्वेद और स्वास्थ्य का दिन भी माना जाता है।

2. मां लक्ष्मी की आराधना

धनतेरस की शाम को घरों में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं, रंगोली बनाते हैं और दीपक जलाकर समृद्धि की कामना करते हैं।

3. यम दीपम की परंपरा

इस दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाने की परंपरा होती है, जिसे यम दीपदान कहा जाता है।
यह दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है ताकि मृत्यु देवता यम परिवार की रक्षा करें और अकाल मृत्यु का भय न रहे।

धनतेरस पूजा विधि (Step-by-Step)

  1. घर और मन की शुद्धि करें
    घर की सफाई करें और स्नान के बाद पूजा स्थल को सजाएँ।
  2. पूजा स्थान तैयार करें
    भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और भगवान कुबेर की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. पूजा सामग्री और मंत्र
    • फूल, चावल, हल्दी, दीपक और मिठाई चढ़ाएँ।
    • मंत्र जाप करें:
      “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
      “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः”
  4. दीपदान करें (यम दीपम)
    प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें।
  5. आरती और प्रसाद वितरण
    परिवार सहित लक्ष्मी आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें।

धनतेरस पर क्या खरीदें (Auspicious Purchases)

वस्तुमहत्व
सोना या चांदीधन-संपत्ति का प्रतीक।
बर्तनघर की उन्नति और सम्पन्नता का प्रतीक।
झाड़ू (झाड़न)लक्ष्मी का आगमन और नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
खाता-बही (Account Book)व्यापार में सफलता और शुभारंभ।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं या वाहनआधुनिक शुभ खरीदारी।

⚠️ ध्यान दें: काले रंग की वस्तुएं, कांच, या धारदार चीजें खरीदने से बचें।

धनतेरस की ज्योतिषीय मान्यता

  • वृषभ लग्न (Taurus Lagna) में पूजा करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
  • वर्ष 2025 में यह लग्न 07:16 PM से 08:20 PM तक रहेगा, जो पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है।
  • त्रयोदशी तिथि में भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा स्वास्थ्य और संपन्नता दोनों प्रदान करती है।

धनतेरस और दीपावली का संबंध

धनतेरस से शुरू होकर दीपावली के पांच दिन के त्योहार का आरंभ होता है —

  1. धनतेरस (Dhanteras)
  2. नरक चतुर्दशी (Choti Diwali)
  3. दीपावली (Lakshmi Puja)
  4. गोवर्धन पूजा (Annakut)
  5. भाई दूज (Bhai Dooj)

इन पांच दिनों में धनतेरस सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि और शुभता का प्रतीक है।

समाप्ति (Conclusion)

धनतेरस 2025 शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
इस दिन का शुभ मुहूर्त 07:16 PM से 08:20 PM तक रहेगा।
यदि इस समय के दौरान श्रद्धा और भक्ति से पूजा की जाए, तो घर में लक्ष्मी कृपा और धन की वृद्धि होती है।

प्रदोष काल में दीपदान और धन्वंतरि पूजन के साथ यह दिन जीवन में आरोग्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि लेकर आता है।

Harshvardhan Mishra

Harshvardhan Mishra is a tech expert with a B.Tech in IT and a PG Diploma in IoT from CDAC. With 6+ years of Industrial experience, he runs HVM Smart Solutions, offering IT, IoT, and financial services. A passionate UPSC aspirant and researcher, he has deep knowledge of finance, economics, geopolitics, history, and Indian culture. With 11+ years of blogging experience, he creates insightful content on BharatArticles.com, blending tech, history, and culture to inform and empower readers.

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