त्योहार: अक्षय नवमी
तिथि: शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025
पूरवह्न काल: प्रातः 06:21 बजे से 10:03 बजे तक
नवमी तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2025 को प्रातः 10:06 बजे
नवमी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2025 को प्रातः 10:03 बजे
अक्षय नवमी का महत्व
अक्षय नवमी, जिसे आमला नवमी या अक्षय नवमी व्रत कहा जाता है, कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
‘अक्षय’ का अर्थ होता है जो कभी नष्ट न हो, और इस दिन किए गए सत्कर्म, दान, पूजन और व्रत अक्षय फल प्रदान करते हैं।
भक्त इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और आंवले के वृक्ष की आराधना करते हैं।
अक्षय नवमी शुभकामनाएँ हिंदी में (Hindi Wishes for Akshaya Navami 2025)
संक्षिप्त शुभकामनाएँ
- शुभ अक्षय नवमी! आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति अक्षय बनी रहे।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदा आपके घर में बरसे।
- अक्षय नवमी के इस पावन दिन पर आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि आए।
- जो भी कर्म आज करें, वह अक्षय फल देने वाला बने।
- आंवले के वृक्ष की पूजा से आपके जीवन में खुशियाँ अक्षय हों।
भक्ति भाव से प्रेरित संदेश
- अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि हो।
- इस अक्षय नवमी पर आपके हर सत्कर्म को अक्षय फल मिले।
- आंवला देवी लक्ष्मी का प्रतीक है — इसकी पूजा करें और अक्षय सुख प्राप्त करें।
- आज के दिन किया गया हर शुभ कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता।
- भगवान विष्णु के नाम का जप करें — वही अक्षय धन है।
परिवार और समृद्धि के लिए शुभकामनाएँ
- इस अक्षय नवमी पर आपके परिवार में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहे।
- माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आपके जीवन में अक्षय वैभव लाए।
- घर में प्रेम, शांति और भक्ति का प्रकाश सदा बना रहे।
- धन-धान्य और सौभाग्य से भर जाए आपका जीवन।
- अक्षय नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ आपके पूरे परिवार को।
प्रेरणादायक संदेश और कैप्शन
- आज का पुण्य कर्म कल का अक्षय फल है।
- आस्था से किया गया कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाता।
- अक्षय नवमी — जब श्रद्धा बनती है समृद्धि।
- धर्म, दान और भक्ति — यही है अक्षय नवमी का सार।
- अच्छाई के बीज बोएं, अक्षय फल पाएँ।
सोशल मीडिया कैप्शन (Instagram / X / Threads के लिए)
- 🌿 #AkshayaNavami — अनंत आशीर्वादों का पर्व
- आंवले के वृक्ष के नीचे की भक्ति, अक्षय सुख देती है 🍃
- धन नहीं, भक्ति ही सच्चा अक्षय धन है ✨
- अक्षय नवमी — जहां कर्म अक्षय और आशीर्वाद अनंत 🌸
- भगवान विष्णु का नाम लें और पाएं अक्षय सुख 🙏
- आज करें दान, कल पाएँ अक्षय सम्मान 💫
- #AmlaNavami की शुभकामनाएँ — सच्चे कर्मों से ही मिलता है अक्षय फल 🌿
- अक्षय नवमी पर उज्ज्वल हो आपका जीवन दीपक 🔥
- आस्था का प्रकाश कभी बुझता नहीं — शुभ अक्षय नवमी 🌼
- जो कर्म से जुड़ा है, वही अक्षय फल पाता है 🌸
संस्कृत में शुभकामनाएँ (Sanskrit Wishes for Akshaya Navami 2025)
संस्कृत शुभ वचन
- अक्षयस्य नवम्यां दिवसे विष्णोः कृपा भवन्तु।
- लक्ष्म्याः प्रसादेन भवतु सर्वं मंगलम्।
- यस्यां दिने कृतं कर्म तद् अक्षयं भवति।
- विष्णोः पूजनं कुर्यात्, सौभाग्यं लभते नरः।
- आमलकं पूज्यते यस्य, तस्य धनोदयः सदा।
संस्कृत मंगल संदेश
- अक्षय नवमी दिवसस्य शुभाशयाः! सर्वे भवन्तु सुखिनः।
- विष्णुप्रीत्यर्थं दानं कुर्यात्, फलम् अनन्तं लभते।
- आमलकं देववृक्षः, पूजया सुखं लभ्यते।
- धर्मः, दानं, भक्ति — त्रयमेतत् अक्षयं भवति।
- पुण्यं कुर्यात् नित्यं — पुण्यं अक्षयं तिष्ठति।
संस्कृत भक्तिपूर्ण उद्धरण
- “अक्षयः पुण्यकर्मणां परिणामः।”
- “विष्णोः नामस्मरणं मोक्षस्य मार्गः।”
- “दानं धर्मस्य लक्षणम्।”
- “भक्त्या लभ्यते लक्ष्मीः, कर्मणा लभ्यते सिद्धिः।”
- “आमलकस्य पूजया अक्षयफलम् अवाप्यते।”
संस्कृत कैप्शन (Social Media Quotes in Sanskrit)
- 🌿 अक्षय नवमी — अनन्तफलदायिनी तिथि।
- विष्णुभक्तिः एव अक्षयधनम्।
- आमलकं लक्ष्म्याः स्वरूपम्।
- दानं कुर्यात्, पुण्यं लभ्यते।
- धर्मे स्थित्वा जीवनं यापयेत् — तदेव अक्षयम्।
- अक्षयस्य अर्थः — न कदापि क्षीयते।
- पूज्यताम् आमलकवृक्षः, सम्पत्तिं ददाति।
- नवमीदिने विष्णुपूजनं सर्वदुःखनाशनम्।
- पुण्येन वर्धते सौख्यम्।
- नमो विष्णवे अक्षयाय नमः।
हिंदी और संस्कृत का संयुक्त संदेश (Blended Lines)
- “दानं धर्मस्य लक्षणम्” — जो दान करता है, वही अक्षय सुख पाता है।
- “आमलकं लक्ष्म्याः प्रतीकम्” — आंवले का वृक्ष साक्षात् लक्ष्मी स्वरूप है।
- “विष्णोः कृपा सर्वं साध्यं” — भगवान विष्णु की कृपा से जीवन सफल होता है।
- “अक्षय फलमवाप्नुहि” — हर शुभ कर्म का फल अक्षय बने।
- “सर्वे भवन्तु सुखिनः” — यही है अक्षय नवमी का सन्देश।
निष्कर्ष (Conclusion)
अक्षय नवमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भक्ति, दान, और सत्कर्मों की अक्षय परंपरा का प्रतीक है।
संस्कृत और हिंदी में उच्चारित ये मंगल वचन हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची समृद्धि केवल भक्ति और पुण्य कर्मों से ही आती है।
इस पावन अवसर पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करें, आंवले के वृक्ष की पूजा करें, और अपने जीवन को अक्षय आनंद से भरें।



